जैविक प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत लाभान्वित होंगे किसान, बढ़ाएंगे आमदनी ..
रोहतास टॉप न्यूज़, सासाराम: जिले के किसान अब पारंपरिक खेती पर ही निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि उनकी खेतों में सालों भर फसल लहलहाएंगी। सरकार के जैविक प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। वर्मी कंपोस्ट, बॉयोगैस, कृषि उपकरण, पॉली हाउस सहित अन्य उपकरण उपलब्ध करा उनकी खेती को समृद्ध बनाने में कृषि विभाग जुट गया है। जैविक विधि से खेती के लिए किसानों को अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग फसल चक्र अपनाने सहित कीटनाशकों के उपयोग व बीजों के उपचार के लिए भी उन्हें सहायता उपलब्ध कराएगा। हर खेत में पानी पहुंचे व कम पानी में जयादा सिंचाई हो इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। ताकि फल, फूल, सब्जी, दलहन-तेलहन सहित अन्य फसलों से उनकी आमदनी बढ़ाई जा सके।
संचालन के लिए चलेगा कलस्टर फसल प्रत्यक्षण
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत परंपरागत कृषि विकास योजनाओं के संचालन के लिए अतिरिक्त दलहन आच्छादन कार्यक्रम का लक्ष्य बनाया गया है। इसके लिए जिले में विभिन्न फसलों के लिए कलस्टर फसल प्रत्यक्षण किए जा रहे हैं। कलस्टर के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं के लिए राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना के तहत जैविक विधि से खेती व उनका पीजीएस आधारित जैविक प्रमाणीकरण के लिए सहायता अनुदान व प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके अलावा यांत्रिकरण के तहत कृषि यंत्र व सिंचाई उपकरण भी अनुदानित दर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
फसल चक्र अपनाने पर जोर
कृषि विभाग किसानों को परंपरागत खेती के साथ फसल चक्र यानि कि क्रॉप रोटेशन अपनाने पर भी जोर दे रहा है। जिससे अलग-अलग तरह की फसलों को तय समय में तय क्रम के आधार पर लगाया जा सके। चक्रिय खेती से भूमि की जैविक, रसायनिक व भौतिक दशाओं में संतुलन आता है, तथा फसलों की गुणवत्ता व पोषकता भरपूर मात्रा में मिलती है। फसल चक्र में साल व दो साल में उगाई जाने वाली फसलों को आपस में बदला जाता है, जिससे जमीन से कीटों व बीमारियों का चक्र भी आसानी से टूट जाता है। इसके अलावा मिट्टी में कार्बन तत्वों की मात्रा भी बढ़ जाती है। जिससे बिना किसी रसायन उर्वरक के उपयोग से अच्छी फसल उगाई जा सकेगी।
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